पंजाब की ‘बिल लियाओ इनाम पाओ’ योजना ने कर अनुपालन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर स्थापित किया: हरपाल सिंह चीमा
Bill Liao Inam Pao Scheme
5.87 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया, उपभोगताओं ने जीते 1.37 करोड़ रुपये के पुरस्कार
चंडीगढ़, 12 जुलाई: Bill Liao Inam Pao Scheme: पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने शुक्रवार को ‘बिल लियाओ इनाम पाओ’ योजना के तहत अवैध बिल जारी करने वाले विक्रेताओं पर बड़ी कार्रवाई की घोषणा की, जिसके तहत कुल 7.63 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया और 5.87 करोड़ रुपये पहले ही वसूल किए जा चुके हैं।
यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में योजना की सफलता पर प्रकाश डालते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बिलिंग विसंगतियों के लिए विक्रेताओं को जारी किए गए 1604 नोटिसों में से 711 का समाधान किया गया है और इस योजना से 123 नए जीएसटी पंजीकरण हुए हैं, जो बेहतर कर अनुपालन का संकेत है। चीमा ने कहा, "मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा 21 अगस्त, 2023 को शुरू की गई यह योजना उपभोक्ताओं को 'मेरा बिल ऐप' के माध्यम से खरीद बिल अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित करती है और इसे लोगों से मजबूत प्रतिक्रिया मिली है, अब तक 91,719 बिल अपलोड किए गए हैं"। उन्होंने कहा कि अब तक 'बिल लियाओ इनाम पाओ' योजना के 2353 विजेताओं ने 1.37 करोड़ रुपये के पुरस्कार जीते हैं।
वित्त मंत्री ने राज्य के निवासियों से इस योजना में भाग लेना जारी रखने, खरीद बिलों को अपलोड करना जारी रखने और राज्य के कर ढांचे का समर्थन करने का आग्रह किया और कहा कि इस स्कीम के तहत 10,000 रुपये तक के मासिक पुरस्कार उपलब्ध हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेट्रोलियम उत्पाद, शराब, राज्य से बाहर की खरीद और बी2बी लेन-देन के बिल इस स्कीम के लिए अयोग्य हैं और ड्रॉ के लिए केवल पिछले महीने के बिलों पर विचार किया जाता है, जिससे निष्पक्षता और प्रभावशीलता सुनिश्चित होती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कराधान विभाग द्वारा की गई प्रवर्तन कार्रवाइयों ने कर अनुपालन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के पंजाब के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है, जिसमें ‘बिल लियाओ इनाम पाओ’ योजना इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। चीमा ने कहा, “उपभोक्ताओं को मेरा बिल मोबाइल ऐप पर बिल अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित करके, पंजाब सरकार की यह अनूठी पहल पारदर्शिता, जवाबदेही और अनुपालन की संस्कृति को बढ़ावा देती है, जो अंततः कर व्यवस्था को और मजबूत करता है।”